Budget 2024 for EV Sector: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट (Budget 2024) पेश किया. बजट स्पीच के दौरान वित्त मंत्री ने देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान किया. सरकार देश में चार्जिंग और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर इलेक्ट्रिक व्हीकल पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार करेगी. इसके साथ ही सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल को प्रमोट करेगी. जानें क्या है EV व्हीकल के लिए सरकार का मास्टरप्लान. 

सरकार ई-बसों को करेगी प्रमोट

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वित्त मंत्री ने कहा, हमारी सरकार विनिर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रचर का समर्थन करके ई-व्हीकल पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और मजबूत करेगी. उन्होंने कहा कि पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिज्म (PSM) के माध्यम से पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए ई-बसों को ज्यादा से ज्यादा अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा. 

ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा

देश में ग्रीन एनर्जी  (Green Energy) को बढ़ावा देते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि ट्रांसपोर्ट के लिए कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस और पाइप्ड प्राकृतिक गैस में कम्प्रेस्ड बायोगैस का मिश्रण जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि बायो-डिग्रेडेबल उत्पादन के लिए इकॉसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायो फाउंड्री योजना शुरू की जाएगी.

EV व्हीकल से GST में कमी

अंतरिम बजट के सकारात्मक पहलुओं की सराहना करते हुए, क्वांटम एनर्जी के प्रबंध निदेशक चक्रवर्ती सी ने कहा कि कुछ उम्मीदें पूरी नहीं हुईं. उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक FAME II सब्सिडी कार्यक्रम की जल्द समाप्ति ने इसके विस्तार की उम्मीद जगाई है, जो कि भारतीय सड़कों पर 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकलों के सरकार के महत्वाकांक्षी 2030 लक्ष्य के अनुरूप है. एक विस्तार से ईवी सेक्टर के लिए समर्थन मजबूत होगा. इसके अलावा, लिथियम-आयन बैटरी पैक और सेल पर जीएसटी में 18 से 5 फीसदी की भारी कमी से मैन्यूफेक्चरिंग कॉस्ट कम हो जाएगी, जिससे ईवी की कीमत अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगी और उपभोक्ता अपनाने को बढ़ावा मिलेगा. 

पेट्रोल डीजल पर निर्भरता में कमी पर जोर

Seafund के को-फाउंडर और प्रबंध भागीदार मयूरेश राउत ने कहा कि सौर छत योजनाएं (solar rooftop schemes) न केवल स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक बड़ा बढ़ावा होंगी, बल्कि भारत को ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे को संबोधित करने के लिए भी तैयार करेगी जो वर्तमान में व्यापक रूप से अपनाने में बाधा बन रही है. सरकार के इस कदम से देश का इकॉसिस्टम तंदरुस्त बना रहेगा और देश में पेट्रोल डीजल पर निर्भरता को कम किया सकता है.