देश में बिकने वाली दो शीर्ष कॉम्पैक्ट एसयूवी टाटा मोटर्स की नेक्सन और मारुति सुजुकी की विटारा ब्रेजा क्रैश टेस्ट में 4 स्टार रेटिंग मिली है. यह टेस्ट रेटिंग ब्रिटेन के व्हीकल सेफ्टी वॉचडॉग ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (GNCAP) ने दी है. भारत में सड़कों पर दुर्घटना के दौरान होने वाली मौत को कम करने के लिए कार निर्माता कंपनियों के लिए किसी भी मॉडल की कार के क्रैश टेस्ट को अनिवार्य किया गया है.

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GNCAP ने दो फ्रंट एयरबैग वाले ब्रेजा और नेक्सन और रेनॉ के एमपीवी लॉजी का टेस्ट किया. लॉजी में एयरबैग नहीं है. साल सीटों वाले लॉजी को क्रैश टेस्ट में वयस्कों की सुरक्षा में शून्य प्राप्त हुआ, लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से बच्चों की सुरक्षा में उस दो स्टार मिले. GNCAP के टेक्निकल डायरेक्टर एलीजनरो फुरस ने कहा कि यह काफी आश्चर्य की बात है और चिंता की बात है कि भारत में आज भी दुनिया की दिग्गज कार कंपनी दोयम दर्जे की सुरक्षा के साथ कारें बना रही हैं. उन्होंने कहा कि उन्हीं मॉडल की कारें उनके देश में अवैध श्रेणी में आते हैं.

नेक्सन भारत में सबसे सुरक्षित कॉम्पैक्ट एसयूवी!

वॉचडॉग दुनिया भर में खरीदे गए कारों की सुरक्षा स्तर की जांच करती है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, मारुति सुजुकी ने इस पर किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया. GNCAP ने टाटा नेक्सन के टेस्ट परिणाम अगस्त में जारी किए थे. इस टेस्ट परिणाम के बाद टाटा मोटर्स के प्रेसिडेंट मयंक पारीख ने कहा कि इसके साथ ही टाटा नेक्सन भारत में सबसे सुरक्षित कॉम्पैक्ट एसयूवी बन गई है. 

रेनॉ ने टेस्ट परिणाम पर दी सफाई

रेनॉ का कहना है कि यहां की जरूरत के हिसाब से उसके उत्पाद ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) के द्वारा सत्यापित हैं. रेनॉ का यह भी कहना था कि GNCAP ने जो टेस्ट किए वह 64 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर किया, जबकि ARAI की तरफ से यह स्पीड 56 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित है.

बच्चों की सुरक्षा में ब्रेजा-नेक्सन मामूली पीछे

GNCAP की तरफ से किए गए इस क्रैश टेस्ट में वयस्कों की सुरक्षा में तो ब्रेजा और नेक्सन ने 4 स्टोर रेटिंग हासिल कर ली. लेकिन बच्चों की सुरक्षा मामले में थोड़े कम आंके गए. बच्चों की सेफ्टी में जहां मारुति सुजुकी की ब्रेजा को 2 स्टार मिले, वहीं नेक्सन को 3 स्टार मिले. हालांकि बॉडी शेल में दोनों ही गाड़ियों को स्थिर आंका गया. सेफ्टी में इन दोनों गाड़ियों की रिजिड बॉडी ने बड़ी भूमिका निभाई है.