Bike-Taxi चालकों ने दिल्ली के राज्यपाल को लिखा पत्र; अपने वाहन को बदलने के लिए मांगा और समय
Bike-Taxi Service in Delhi: पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें समान आपूर्ति करने वाली सेवा में उनके समकक्षों (डिलीवरी बॉय) की तरह वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से परिवर्तन करने लिए समान समयसीमा दी जाए.
Bike-Taxi Service in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में 1,500 से ज्यादा बाइक टैक्सी चालकों ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को पत्र लिखा है. इन लोगों ने पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें समान आपूर्ति करने वाली सेवा में उनके समकक्षों (डिलीवरी बॉय) की तरह वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से परिवर्तन करने लिए समान समयसीमा दी जाए. राष्ट्रीय राजधानी में यात्री परिवहन सेवाएं और डिलीवरी सेवाएं मुहैया कराने वाले ‘एग्रीगेटर’ के विनियमन और लाइसेंस के लिए बनाई गई एक योजना को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की स्वीकृति के एक दिन बाद उपराज्यपाल को यह पत्र लिखा गया है. इन लोगों ने मांग की है कि उन्हें अपने वाहन को इलेक्ट्रिक व्हीकल में कंवर्ट करने के लिए थोड़ा और समय दिया जाए.
इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर पर करें फोकस
यह योजना बाइक टैक्सियों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है और यह अनिवार्य करती है कि एग्रीगेटर को यात्री सेवाओं के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को शामिल करना चाहिए. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 से संबंधित फाइल अब उपराज्यपाल कार्यालय को भेजी गई है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल के चलने पर जोर
बाइक टैक्सी चालकों द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार योजना में अनिवार्य रूप से कहा गया है कि दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों को चलाने की अनुमति दी जाएगी और अन्य ईंधन प्रकार की बाइक टैक्सियों का संचालन प्रतिबंधित होगा. इस योजना को अधिसूचित करने से सरकार आय के एकमात्र स्त्रोत पर रोक लगा देगी जिससे न सिर्फ हमारा बल्कि हमारे पूरे परिवार का भरण-पोषण होता है.
6 महीने में 10% वाहन हो इलेक्ट्रिक
उपराज्यपाल के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गौतम गंभीर और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को भी पत्र भेजा गया है. योजना में समान आपूर्ति सेवा प्रदाताओं को दोपहिया और तिपहिया वाहनों के बेड़े में छह महीने में 10 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलना होगा जबकि 2 सालों में 50 प्रतिशत और 4 साल में 100 प्रतिशत वाहनों को परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है.
फरवरी में बंद कर दी थी बाइक टैक्सी सर्विस
बता दें कि दिल्ली सरकार ने फरवरी में बाइक टैक्सी के कमर्शियल इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था. बता दें कि दिल्ली में पॉल्यूशन को कम करने के लिए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया था, जिसके बाद ओला-उबर जैसी कंपनियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. ये मामला बाद में सुप्रीम कोर्ट गया और कोर्ट ने दिल्ली सरकार से राज्य में बाइक टैक्सी चलाने के लिए पॉलिसी लेकर आने को कहा और समय दिया.
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