रिपोर्ट : प्रीतम कुमार

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राजधानी पटना में पेट्रोल और डीजल की जगह सीएनजी (CNG) से निजी और सार्वजिनक वाहन चलाने की तैयारी हो रही है. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम यानि (BSRTC) इसके लिए सभी तरह के इंतजाम कर रहा है. फिलहाल पटना में 1200 ऑटो CNG से चल रहे हैं. बीएसआरटीसी के नियंत्रण में चलने वाली गाड़ियों को भी CNG से चलाया जाए. 

पटना के रुकनपुरा स्थित CNG पंप के मैनेजर बताते हैं कि कुछ महीने पहले तक CNG से चलने वाले वाहनों की संख्या काफी कम थी, लेकिन अब तेजी से पटना में CNG से चलने वाले ऑटो की संख्या बढ़ी है. दरअसल, एयर पॉल्‍यूशन को दूर करने के लिए CNG को पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी कारगर माना जाता है. दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में CNG की अहम भूमिका है. 

पटना देश ही नहीं बल्कि दुनिया के प्रदूषित शहरों में बदनाम है. लिहाजा, इस शहर की हवा को सांस लेने के लायक बनाने के लिए काफी काम किए जाने की जरूरत है. इसी कड़ी में सार्वजनिक, निजी और ऑटो को भी CNG में तब्दील किया जाएगा. ऑटो चालकों के मुताबिक, पेट्रोल या डीजल से चलने वाले ऑटो में बचत भी कम थी लेकिन CNG से चलने वाले ऑटो के कारण मुनाफा बढ़ने लगा है.

पटना में इस वक्त दो सीएनजी पंप हैं, जहां 24 घंटे CNG मिल रही है. पटना में नौबतपुर में स्थित गेल के फिलिंग स्टेशन से सीएनजी पंपों को सीएनजी की सप्लाई हो रही है. अभी पटना में 1200 ऑटो CNG से चल रही है. बीएसआरटीसी के सचिव संजय अग्रवाल के मुताबिक, पटना में जो भी सार्वजिनक वाहन हैं उसमें पेट्रोल और डीजल इंजन की बजाय CNG किट चरणबद्ध तरीके से लगाई जाएगी. चूंकि CNG किट की कीमत ज्यादा होती है लिहाजा ईंधन की कीमत कम करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार से बात की जा रही है. जो लोग सीएनजी वाहनों के लिए परमिट मांग रहे हैं उन्हें जिला परिवहन कार्यालय भी प्राथमिकता के आधार पर परमिट दे रहा है. 

दरअसल सीएनजी के अपने फायदे हैं. पहला फायदा कीमत में है. जहां पटना में पेट्रोल की कीमत पटना में अभी 79 रुपए और डीजल की कीमत 70 के करीब है वहीं CNG सिर्फ 63 रुपए किलो की दर से मिल रही है. जहां डीजल से चलने वाली ऑटो का माइलेज 10 से 15 किलोमीटर है वहीं सीएनजी का माइलेज 40 किलोमीटर का है. सीएनजी से चलने वाले ऑटो भी सवा दो लाख से ढाई लाख के करीब हैं. 

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार घोष के मुताबिक ,सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों में प्रदूषण काफी कम निकलता है. पेट्रोल और डीजल की तुलना में सीएनजी से चलने वाली गाड़ियां अधिक तापमान पर आग पकड़ती है. लिहाजा गाड़ियों में आग लगने की आशंका भी कम होती है.