Battery Swapping policy: सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. वहीं इस साल के अंत तक Battery Swapping पॉलिसी भी आ सकती है. इसे लेकर 5 जून तक ड्राफ्ट पॉलिसी पर सुझाव मांगे गए हैं. इसे लेकर सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा होगी. ऐसे सेंटर बनाए जाएंगे जहां कम से कम समय में बैटरी बदलने की सुविधा हो. नीति आयोग के एडवाइजर सुधेंदु सिन्हा ने जी बिजनेस से ये बात कही. 

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पर्यावरण मंत्रालय भी जारी करेगा गाइडलाइंस

उन्होंने कहा कि हर बैटरी की उम्र होती है. इसकी रीसाइक्लिंग से सर्कुलर अर्थव्यवस्था का विकास होगा. पर्यावरण मंत्रालय भी जल्द वेस्ट मैनेजमेंट गाइडलाइंस जारी करेगा. यही नहीं इसे लेकर बड़ी पॉलिसी भी जल्द ही आएगी. इन दोनों पॉलिसी से न सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी सस्ती होगी बल्कि गाड़ियों की कीमत भी कम होगी. एकमुश्त कम पैसा खर्च करने की सुविधा से लोग EV की तरफ आकर्षित होंगे. इससे गाड़ियों की अफोर्डेबिलिटी बढ़ेगी और ज्यादा संख्या में लोग इसे खरीद सकेंगे. सुधेंदु सिन्हा ने कहा कि स्वैपिंग ईको-सिस्टम के लिए जरूरी है.

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क्या है बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी

वित्त मंत्रालय ने चार्ज बैटरी के बदले डिस्चार्ज बैटरी को स्वैप करने के लिए यह पॉलिसी ला रही है. इसमें बैटरियों को डी-लिकिंग चार्जिंग और बैटरी चार्ज करने की सुविधा प्रदान की जाएगी. फिलहाल इस पॉलिसी को अभी टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर के लिए लाया जा रहा है. इस पॉलिसी में Niti Aayog ने मजबूत और व्यापक पॉलिसी रूपरेखा तैयार करने के लिए फरवरी, 2022 में चर्चा शुरू की थी. इस ड्राफ्ट को विचार-विमर्श के लिए जारी किया गया है. आयोग ने पांच जून तक लोगों से इस पर अपने सुझाव देने को कहा है.

वित्त मंत्री ने बजट में की थी घोषणा

नीति आयोग के ड्राफ्ट के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या यूनिट किसी भी स्थान पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित कर सकता है, लेकिन इसके लिये जरूरी है कि निर्धारित तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन किया जाए. चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को लेकर शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी.