मोबाइल नंबर की तरह अब गाड़ी नंबर की भी होगी पोर्टेबिलिटी, योगी सरकार का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यह फैसला लिया है. लखनऊ में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी, इसमें से एक वाहन वंबर पोर्टिबिलिटी भी है.
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह अब वाहनों के नंबर की भी पोर्टेबिलिटी की जा सकेगी. मतलब यह कि अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी नंबर ही जारी रखना चाहते हैं तो नई गाड़ी की नंबर प्लेट पर वही नंबर नजर आएगा. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यह फैसला लिया है. लखनऊ में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी, इसमें से एक वाहन वंबर पोर्टिबिलिटी भी है. अगर आप चाहते है कि आपकी पुरानी गाड़ी का नंबर ही आपकी नई गाड़ी पर हो तो इसके लिए आपको कुछ शर्तों का पालन करना होगा.
पुरानी गाड़ी करनी होगी सरेंडर
सबसे पहले आपको अपनी पुरानी गाड़ी सरेंडर करनी होगी. वाहन नंबर पोर्टेबिलिटी के बाद आप अपनी पुरनी गाड़ी नहीं चला पाएंगे. नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा तभी मिलेगी जब नई और पुरानी गाड़ी का मालिक एक ही हो और इसके लिए आपको कीमत भी चुकानी होगी. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इसके लिए बकायदा फीस तय की है. आप तय फीस चुका कर वाहन नंबर पोर्ट करा सकते हैं. इसके लिए मोटर नियमावली की धारा 51 की धारा में बदलाव किया जाएगा.
गाड़ी के हिसाब से अलग होगी कीमत
इतना ही नही अगर आप अपनी गाड़ी के लिए VVIP या इंटरेस्टिंग नंबर लेना चाहते हैं तो इसके लिए अलग-अलग कीमत तय की गई है. अब इसकी फीस में काफी बदलाव किया गया है. यह फीस टू व्हीलर और 4 व्हीलर के लिए अलग होगी. इसमें फोर व्हीलर में 1 लाख, 50 हजार, 25 हजार और 15 हजार की चार श्रेणी होगी. टू व्हीलर के लिए 20 हजार, 10 हजार, पांच हजार और 3 हजार शुल्क होगा.
ट्रैफिक नियम तोड़ने पर अब ज्यादा जुर्माना
कैबिनेट ने मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 200 के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने को बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही मोटरयान अधनियम 200 की धारा में संशोधन किया है. बिना नंबर प्लेट की गाड़ी पर जुर्माना 300 से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है. वहीं, लाइसेंस नहीं होने पर जुर्माना 500 के बजाए 1000 रुपए होगा. मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर 500 की जगह अब 1000 रुपए देने होंगे. वहीं, हेलमेट न लगाने पर 500 की जगह 1000 रुपए जुर्माना लगेगा.
UP मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का होगा गठन
कैबिनेट बैठक में प्रदेश के सभी महानगरों में मेट्रो रेल परियोजना या रेल आधारित मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.
(रिपोर्ट: विनोद मिश्रा)