Electric Vehicles: इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर सरकार ने बड़ा लक्ष्य तय किया है. सरकार की तरफ से कई तरह की रियायत भी दी जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 तक देश में करीब 30 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल होंगी. हालांकि, कुल इलेक्ट्रिक व्हीकल सेल्स में पैसेंजर कार की हिस्सेदारी महज 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. इलेक्ट्रिक व्हीकल की क्रांति में देश और विदेश की ऑटोमोबाइल कंपनियां कूद चुकी हैं. टाटा मोटर्स, महिंद्रा, ओला इलेक्ट्रिक, मारुती सुजुकी, हुंडई जैसी कंपनियों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर मेगा प्लान पेश किया है. कई ब्रांड ने तो अपने प्रोडक्ट को भी अनवील किया है.

जानिए टाटा, महिंद्रा, मारुति का प्लान

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टाटा मोटर्स Curvv और Avinya EV लेकर आ रही है. लॉन्चिंग का टार्गेट 2025 तक रखा गया है. महिंद्रा ने हाल ही में पांच इलेक्ट्रिक व्हीकल से पर्दा उठाया है. इसे INGLO EV प्लैटफॉर्म पर दो अलग-अलग ब्रांड BE और  XUV के नाम से लॉन्च किया जाएगा. लॉन्चिंग की योजना दिसंबर 2024 तक है. मारुती सुजुकी ने 2025 तक पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने का लक्ष्य रखा है. हुंडई ने 2028 तक छह इलेक्ट्रिक मॉडल उतारने की योजना बनाई है. MG मोटर्स अगले साल इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च करने की तैयारी में है.

ओला की इलेक्ट्रिक कार 2024 में संभव

15 अगस्त के दिन ओला ने इलेक्ट्रिक कार से पर्दा उठाया. लॉन्चिंग इवेंट में कहा गया था कि यह कार साल 2024 तक बाजार में उपलब्ध होगी. इसकी बैटरी की क्षमता 500 किलोमीटर होगी. स्पीड की बात करें तो यह 100 किलोमीटर की रफ्तार महज चार सेकेंड में पकड़ लेगी. 

हायब्रिड मॉडल पर विदेशी कंपनियों का जोर

सभी ऑटोमोबाइल कंपनियां इलेक्ट्रिक कार की रेस में हैं, हालांकि इनकी रणनीति अलग-अलग है. टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी घरेलू कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल पर दांव लगा रही हैं. दूसरी तरफ टोयोटा, होंडा और सुजुकी जैसी प्रमुख जापानी कंपनियों का जोर हाइब्रिड मॉडल उतारने पर है. दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ी प्रौद्योगिकियों को बड़ी तेजी से अपनाया जा रहा है. इसमें SHEV (मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन), FCEV (ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन), BEV (बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन) और पीएचईवी (प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन) शामिल हैं. भारत में इस समय मुख्य रूप से बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) और हाइब्रिड वाहन ही बनाए जा रहे हैं.

2025 में मारुति सुजुकी की आएगी इलेक्ट्रिक कार

टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अगले कुछ वर्षों में कई बीईवी मॉडल उतारने की योजना बनाई हुई है. इन कंपनियों ने इस क्षेत्र के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन तैयार किए हैं. इसी तरह हुंदै, किआ और एमजी मोटर ने भी बीईवी मॉडल बाजार में पेश किए हैं. देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी भी 2025 में अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने की तैयारी कर रही है. इस बीच मारुति सुजुकी ने अपनी कारों को और अधिक ईंधन कुशल बनाने के लिए हाइब्रिड तकनीक पर भी दांव लगाया है. इसके अलावा टोयोटा और होंडा ने भी देश में हाइब्रिड मॉडल पेश किए हैं.

हाइब्रिड मॉडल तात्कालिक है

टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन इस उद्योग का भविष्य हैं और कंपनी ने हरियाली तथा बेहतर कल के प्रति जुनून के कारण इस दिशा में कदम बढ़ाया है. उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर, हाइब्रिड एक ऐसी तकनीक है जो अल्पकालिक है, क्योंकि इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से सीएएफई (कॉरपोरेट औसत ईंधन अर्थव्यवस्था) मानदंडों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है.’’सीएएफई नियमों के तहत ऑटो विनिर्माताओं को औसत कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने की जरूरत है. महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव खंड के अध्यक्ष विजय नाकरा ने कहा कि अपनी ईवी आधारित योजनाओं के साथ सरकार की स्पष्ट नीति के कारण कंपनी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने जा रही है.

कार्बन उत्सर्जन घटाने में मिलेगी मदद

मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने एसएचईवी की तरफदारी करते हुए कहा कि इस प्रौद्योगिकी से कार्बन उत्सर्जन को 30-40 फीसदी तक कम किया जा सकता है. भारती ने कहा कि चूंकि एसएचईवी को बाहरी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए कोई रेंज की चिंता नहीं है और इसलिए इस तकनीक को तेजी से बढ़ाया जा सकता है.

(भाषा इनपुट के साथ)