ऑटो LPG पर अभी 18% GST लगा रहा है. सरकार अगर इसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दे तो इससे ऑटो उद्योग में LPG के इस्‍तेमाल को बढ़ावा मिलेगा. इंडियन आटो एलपीजी कोलिशन (IAC) के महानिदेशक सुयश गुप्ता ने कहा कि सरकार को आटो LPG को भी CNG जैसे स्वच्छ ईंधन के समान मानना चाहिए और उसे इंसेटिव देना चाहिए. गुप्ता ने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में पॉल्‍यूशन कंट्रोल के लिए इस तरह के ईंधन को प्रोत्साहन देने की जरूरत है. 

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ऑटो LPG भी CNG की तरह स्वच्छ ईंधन की श्रेणी में आता है. यह डीजल और पेट्रोल की तुलना में सस्‍ती पड़ती है. गुप्ता ने कहा कि वाहनों में एलपीजी का इस्तेमाल 70 देशों में होता है. वहीं ईरान, भारत और पाकिस्तान सहित 4-5 देशों में CNG का इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाले LPG का सिलेंडर सीएनजी से हल्का होता है और इसे भरने में भी पेट्रोल-डीजल जितना ही समय लगता है. 

गुप्ता ने कहा कि हमने FM निर्मला सीतारमण और जीएसटी परिषद के सदस्यों को पत्र लिखकर आटो LPG पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि घरेलू इस्तेमाल वाले LPG पर 5 प्रतिशत का कर लगता है. लेकिन वाहनों में इसके इस्तेमाल पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है. 

आईएसी ने आटो एलपीजी किट पर भी जीएसटी की दर को 28 से घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है. ‘हमें सब्सिडी की जरूरत नहीं है. हम जीएसटी कटौती जैसे नीतिगत हस्तक्षेप के जरिये सिर्फ समान अवसर चाहते हैं.’