मजबूत आर्थिक संकेतों, अनुकूल सरकारी नीतियों और भारत की जीडीपी के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में ऑटो कंपोनेंट सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. इंडस्ट्री की ओर से यह जानकारी दी गई है. उत्पादन में बढ़ोतरी, निर्यात में बढ़त और बाजार में मजबूत मांग के चलते ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का टर्नओवर वित्त वर्ष 24 में 74.1 अरब डॉलर था, जो कि अब तक का उच्चतम स्तर है. ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) की ओर से कहा गया है कि वाहनों के उत्पादन में बढ़ोतरी और कंपोनेंट सेक्टर में मूल्य संवर्धन के कारण वृद्धि देखने को मिली है. 

व्हीकल इंडस्ट्री में लगातार बढ़ोतरी

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वाहन इंडस्ट्री में लगातार हो रही वृद्धि के कारण कंपोनेंट इंडस्ट्री का प्रदर्शन ज्यादातर कैटेगरी में महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गया है. वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बाद भी इंडस्ट्री ने वित्त वर्ष 24 में सालाना आधार पर 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर और व्यापारिक लाभ हासिल किया है. एसीएमए ने कहा कि ऑटो कंपोनेंट का बाजार पिछले वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत बढ़कर 11.3 अरब डॉलर हो गया है.

कंपोनेंट्स की सप्लाई बढ़ी

एसीएमए के डायरेक्टर जनरल विनी मेहता ने कहा कि घरेलू बाजार में ओईएम को भेजे जाने वाले कंपोनेंट की आपूर्ति 8.9 प्रतिशत बढ़कर 5.18 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है. देश में बनाए जाने वाले कुल ऑटो कंपोनेंट में से 6 प्रतिशत का उपयोग ईवी मैन्युफैक्चरिंग में किया जा रहा है. 

कंपोनेंट का निर्यात बढ़ा

वहीं, ऑटो कंपोनेंट का निर्यात 5.5 प्रतिशत बढ़कर 21.2 अरब डॉलर हो गया है, जो कि पहले 20.9 अरब डॉलर था. सुब्रोस की सीएमडी और एसीएमए की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह का कहना है कि आयात में वृद्धि दर कम है। इससे व्यापारिक लाभ हुआ है और यह दिखाता है कि इंडस्ट्री स्थानीयकरण की ओर जा रही है.