महिंद्रा समूह (Mahindra Group) इलेक्ट्रिक वाहनों पर बड़ा दांव लगा रहा है. महिंद्रा समूह को उम्मीद है कि वैश्विक इलेक्ट्रिक कार रेसिंग श्रृंखला 'फॉर्मूला-ई' की तकनीक जल्द ही सड़कों पर चलने वाली उसकी दूसरी सामान्य ई-कारों को भी उपलब्ध होगी. अगर ऐसा होता है तो भारत की इलेक्ट्रिक कारों की स्‍पीड भी बढ़ जाएगी. वह रेसिंग कार की तरह फर्राटा भर पाएंगी. महिंद्रा रेसिंग एफआईए फॉर्मूला-ई चैम्पियनशिप के 10 संस्थापक सदस्यों में से एक है. 

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महिंद्रा ने पीएफ जीरो से ली तकनीक

समूह ने फॉर्मूला-ई श्रृंखला में आने वाली इलेक्ट्रिक हाइपरकार 'पीएफ-जीरो' से प्रौद्योगिकी ली है. पीएफ-जीरो को इटली की पिनिनफैरिना ने विकसित किया है. समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'फॉर्मूला ई के माध्यम से बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकियां सामने आती हैं. मुझे इस साल नई ई5 इलेक्ट्रो कार के रूप में कुछ ज्यादा बेहतर होने की उम्मीद है. 

बैटरी बदलने की जरूरत नहीं

महिंद्रा ने बताया कि फॉर्मूला ई की नई कार में फील्ड में बैटरी बदलने की जरूरत नहीं होती है. यही कार पूरी रेस में दौड़ेगी. यह कार बैटरी की रेंज और स्थायित्व की दृष्टि से एक बड़ी छलांग है. यह एक बढ़िया प्रौद्योगिकी है. यह प्रौद्योगिकी सड़कों पर चलने वाली इलेक्ट्रिक कारों में भी तेजी लाएगी.'

उन्होंने कहा कि समूह की अपनी फॉर्मूला ई टीम है, जो कि अंदरूनी चीजें जानने में उसे सक्षम बनाता है. महिंद्रा ने कहा, "वास्तव में, हमारे रेसिंग कार चालक भी पीएफ जीरो के लिये पिनिनफरिना के संपर्क में हैं. उन्होंने इस कार की प्रौद्योगिकी में बारे में काफी जानकारियां दी हैं."

एजेंसी इनपुट के साथ