Pamban Railway Bridge: 1 घंटे का सफर सिर्फ 20 मिनट में! बनकर बस तैयार है रेलवे का ये अनोखा ब्रिज
Pamban Railway Bridge: तमिलनाडु के रामेश्वरम में 2,070 मीटर (6,790 फीट) लंबा वर्टिकल लिफ्रट सी ब्रिज (पंबन ब्रिज) अपने निर्माण के अंतिम चरण में है. मौजूदा पंबन ब्रिज के समानांतर बनाया जा रहा यह ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्रट सी ब्रिज होगा.
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Pamban Railway Bridge: भारतीय रेलवे बहुत जल्द एक नया कीर्तिमान अपने नाम दर्ज करने वाली है. तमिलनाडु के रामेश्वरम में 2,070 मीटर (6,790 फीट) लंबा वर्टिकल लिफ्रट सी ब्रिज (पंबन ब्रिज) अपने निर्माण के अंतिम चरण में है. मौजूदा पंबन ब्रिज के समानांतर बनाया जा रहा यह ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्रट सी ब्रिज होगा. इसमें समुद्र के पार 100 स्पैन हैं, जिनमें से 99 स्पैन 18-3 मीटर और एक स्पैन 72-5 मीटर माप का है. इस परियोजना पर 550 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
पंबन ब्रिज पर लेटेस्ट अपडेट
- बंगाल की खाड़ी में नौवहन चैनल पर लिफ्रट स्पैन गर्डर लगाने का काम पूरा हो गया है, जिसका लक्ष्य 31 अगस्त तक परियोजना को पूरा करना था.
- सुदृढ़ीकरण कार्य के बाद सौ साल पुराने पंबन रेल ब्रिज पर हल्के इंजन का परीक्षण किया गया.
- सुदृढ़ीकरण कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए 15 जुलाई से पुल पर रेल यातायात को निलंबित कर दिया गया था.
Pamban Bridge: कितना पूरा हुआ काम
- सभी उप-संरचनाएँ (333 पाइल और 101 पाइल कैप) पूरी हो चुकी हैं.
- 99 एप्रोच गर्डर तैयार किए जा चुके हैं, जिनमें से 76 लॉन्च किए जा चुके हैं. शेष 23 स्पैन पंबन छोर से लॉन्च किए जा रहे हैं.
- लिफ्रट स्पैन का निर्माण हो चुका है, 428 मीटर में से 200 मीटर को दिनांक 26 जुलाई, 2024 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था.
- मंडपम छोर से 1-50 कि-मी- तक ट्रैक को जोड़ा गया है, मालगाड़ियों की ट्रायल आवाजाही पूरी हो चुकी है. बाकी 0-60 कि.मी. ट्रैक को एप्रोच स्पैन के लॉन्च के साथ बिछाया जाएगा.
इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य कहां पहुचां
- सभी इलेक्ट्रोमैकेनिकल उपकरण खरीदे जा चुके हैं, ट्रायल असेंबली और रन सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं.
- मंडपम छोर पर लिफ्रिटंग टावर बनाया गया है और चैनल के पंबन छोर पर निर्माण कार्य चल रहा है.
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पहले किए गए ट्रायल रन
- दक्षिण रेलवे ने दिनांक 12 जुलाई, 2024 को नए पंबन ब्रिज पर लाइट इंजन ट्रायल रन किया, जिसमें पुल की संरचनात्मक अखंडता और विश्वसनीयता की पुष्टि की गई.
- दिनांक 4 अगस्त, 2024 को आयोजित टावर कार ट्रायल रन के साथ, पुल के पार रामेश्वरम स्टेशन तक एक ओएचई (ओवरहेड उपकरण) टावर कार का संचालन किया गया.
- पुल के 2024 के अंत तक पूरा होने और रेल यातायात के लिए चालू होने की उम्मीद है.
1914 में शुरू हुआ था पुराना पंबन ब्रिज
पूर्व युग में निर्मित प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक के रूप में माना जाने वाला, महान पंबन कैंटिलीवर ब्रिज वर्ष 1914 में चालू किया गया था. प्रायद्वीपीय भारत और मन्नार की खाड़ी को जोड़ते हुए, यह पुरानी संरचना रामेश्वरम मुख्य भूमि में मंडपम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ती है. तमिलनाडु राज्य में स्थित, यह पुल दक्षिण रेलवे के मदुरै मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता है.
इसका निर्माण पाक जलडमरूमध्य में मुख्य भूमि को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने के लिए किया गया था और इसे 1914 में यातायात के लिए खोल दिया गया था. यह 2-06 कि-मी- लंबा है और इसमें 12-2 मीटर (40 फीट) के 145 स्पैन और 65-23 मीटर (213 फीट) क्लियर स्पैन का एक शेरजर स्पैन है. यह पुल मूलतः मीटर गेज के लिए बनाया गया था और बाद में वर्ष 2006-07 के दौरान ब्रॉड गेज मानक के अनुसार इसे मजबूत किया गया. नौवहन स्पैन को इसका आविष्कार करने वाले रेल इंजीनियर के नाम पर शेरजर रोलिंग लिफ्रट स्पैन के रूप में भी जाना जाता है.
हर साल हजारों पैसेंजर्स करते हैं विजिट
ग्रेट पम्बन ब्रिज दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है. दर्शकों को एक शानदार नजारा पेश करते हुए, शेरजर रोलिंग स्पैन खूबसूरती से उठते हैं और क्रूजर और जहाजों को गुजरने की अनुमति देते हैं. यह पुल प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को ले जाता है. यह सदी पुराना इंजीनियरिंग चमत्कार अत्यधिक संक्षारक समुद्र के बीच समय की कसौटी पर खरा उतरा है.
100 साल से ज्यादा पुराना ब्रिज
पुल पहले ही 104 साल से ज्यादा समय तक सेवा दे चुका है जो कोडल लाइफ से कहीं ज्यादा है. उच्च ज्वार के स्तर और गर्डर के निचले हिस्से के बीच सिर्फ 1-5 मीटर की ऊर्ध्वाधर निकासी उपलब्ध है, जिसके परिणामस्वरूप गर्डरों पर समुद्री पानी के छींटे पड़ते हैं. पुल के बहुत कम शेष जीवन के साथ, इसे सुरक्षा कारणों से दिनांक 23 दिसंबर, 2022 को यातायात के लिए निलंबित कर दिया गया था.
06:37 PM IST