Rules for Gratuity: अगर कर्मचारी ने की ये गलती तो कराएगा बड़ा नुकसान...कंपनी रोक सकती है ग्रेच्युटी का पैसा
Written By: सुचिता मिश्रा
Fri, Nov 15, 2024 10:28 AM IST
ग्रेच्युटी एक ऐसी रकम है जो किसी भी कर्मचारी को उसकी बेहतरीन सेवाओं के बदले रिवॉर्ड के तौर पर दी जाती है. हालांकि 5 साल की नौकरी के बाद ही कोई कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार होता है. ग्रेच्युटी की रकम कर्मचारी को नौकरी छोड़ते समय या रिटायरमेंट के समय उसकी सर्विस पीरियड के आधार पर दी जाती है. लेकिन कुछ स्थितियों में कंपनी चाहे तो कर्मचारी की ग्रेच्युटी रोक भी सकती है. यहां जानिए वो गलतियां जो अगर कर्मचारी ने कर दीं तो वो अपना बड़ा नुकसान करवा सकता है.
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इन स्थितियों में कंपनी नहीं देगी ग्रेच्युटी का पैसा
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कंपनी को पेश करने होते हैं सबूत
कंपनी अगर किसी की ग्रेच्युटी रोकती है तो उसे पहले सबूत और उसकी वजह को पेश करना होता है. जो भी वजह कंपनी दे रही है, उसके लिए उसे कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करना होता है. इसके बाद दोनों पक्षों की सुनवाई होती है. कर्मचारी के दोषी पाने के बाद ही ग्रेच्युटी का पैसा रोका जाएगा. लेकिन ऐसे में भी कंपनी उतनी रकम ही काटेगी, जितना उसे नुकसान हुआ है.
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इन हालातों में भी कंपनी को होगा ये अधिकार
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अगर बेवजह ग्रेच्युटी रोक ले कंपनी
5 साल की नौकरी अच्छी तरह से पूरी करने के बाद भी कंपनी उसे ग्रेच्युटी की रकम नहीं देती है, तो कर्मचारी इसको लेकर कंपनी में नोटिस भेज सकता है. अगर इसके बाद भी उसकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है और उसे रकम का भुगतान नहीं किया जाता है तो कर्मचारी कंपनी के खिलाफ जिला श्रम आयुक्त से शिकायत कर सकते हैं. मामले में दोषी पाए जाने पर कंपनी को ग्रेच्युटी की रकम जुर्माने और ब्याज के साथ देनी होती है.
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